हमारे बारे में
श्री संस्थान हलदीपुर शांताश्रम मठ एक प्राचीन एवं प्रतिष्ठित धार्मिक संस्था है, जिसकी आध्यात्मिक परंपरा जगद्गुरु आदि शंकराचार्य से जुड़ी हुई है। इस मठ की स्थापना लगभग 700 वर्ष पूर्व पुण्यभूमि काशी में हुई थी। मुगलों के आक्रमण के समय मठ के पूर्व गुरुजी काशी से कर्नाटक के विजयनगर साम्राज्य की ओर प्रस्थान कर गोकर्ण में स्थायिक हुए। इसके पश्चात केलदी साम्राज्य की महारानी चेन्नम्माजी से भूदान स्वरूप प्राप्त भूमि पर हलदीपुर गांव में मठ की स्थापना हुई।
कुछ काल तक गुरु परंपरा स्थगित रही, लेकिन शृंगेरी शारदा पीठ के जगद्गुरु श्री श्री भारतीतीर्थ महास्वामीजी के विशेष आशीर्वाद से यह परंपरा पुनः प्रारंभ हुई। वर्तमान में परम पूज्य श्री श्री वामनाश्रम स्वामीजी के आध्यात्मिक मार्गदर्शन में यह मठ धर्म, वेदांत और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार हेतु सक्रिय है।
इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु “शांकर एकात्मता भारत रथयात्रा” का आयोजन किया गया है, जिसके अंतर्गत भारत के प्रत्येक जिले में आदि शंकराचार्य जी की मूर्ति सहित विशेष रथ द्वारा धार्मिक सभाएं, शंकर स्तोत्र व भगवद्गीता पाठ, भाषण एवं लघुनाट्य स्पर्धाएं आयोजित की जाएंगी। इस रथयात्रा का लक्ष्य है – भारत में धर्म, आध्यात्मिक जागरूकता और सांस्कृतिक एकता का विस्तार।
श्री शांताश्रम मठ सनातन धर्म, अद्वैत वेदांत और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण हेतु समर्पित है।